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NEET PG 2025 रिजल्ट जल्द: कौन कटऑफ पार करेगा और काउंसलिंग कब शुरू होगी?

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NEET PG 2025 का इंतज़ार अब खत्म होने को है—रिजल्ट विंडो खुल चुकी है और स्कोरकार्ड डाउनलोड लिंक सक्रिय होते ही काउंसलिंग की तैयारियां तेज हो जाएंगी। इस साल परीक्षा के पैटर्न और प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, कई उम्मीदवारों के मन में एक ही सवाल है: कौन कटऑफ पार करेगा और सीट एलॉटमेंट के लिए क्या रणनीति अपनानी चाहिए? नीचे पूरी तस्वीर, सरल और स्पष्ट भाषा में।

रिजल्ट स्टेटस और स्कोरकार्ड

NEET PG 2025 का रिजल्ट ऑनलाइन मोड में जारी किया जाता है, जिसके साथ व्यक्तिगत स्कोरकार्ड और ऑल इंडिया मेरिट स्टेटस उपलब्ध होता है। स्कोरकार्ड में रोल नंबर, परसेंटाइल, स्कोर और क्वालिफाइंग स्टेटस जैसे अहम विवरण शामिल होते हैं। स्कोरकार्ड प्रिंटआउट काउंसलिंग रिपोर्टिंग के समय अनिवार्य माना जाता है, इसलिए हाई-रिज़ॉल्यूशन कॉपी सेव करके रखें।

कटऑफ: इस बार की संभावित तस्वीर

कटऑफ हर साल पेपर की कठिनाई, उम्मीदवारों की संख्या और सीट-मैट्रिक्स पर निर्भर करता है। पिछले ट्रेंड्स के आधार पर एक संभावित रेंज कुछ यूं बनती है:

  • General/EWS: लगभग 270–285 मार्क्स के बीच

  • UR-PwBD: लगभग 250–260 मार्क्स के बीच

  • SC/ST/OBC: लगभग 230–245 मार्क्स के बीच

ध्यान दें: यह अनुमानित रेंज है और आधिकारिक कटऑफ व काउंसलिंग प्राधिकरण की सूचनाएं ही अंतिम मानी जाएंगी। यदि स्कोर कटऑफ के आसपास है, तो भी मल्टी-राउंड काउंसलिंग में मौके बनते हैं—खासकर अपग्रेड और स्ट्रे वैकेंसी राउंड्स में।

मेरिट लिस्ट और AIQ अपडेट

ऑल इंडिया 50% कोटा (AIQ) के लिए एक अलग मेरिट लिस्ट जारी होती है, जिसमें केवल वही उम्मीदवार शामिल होते हैं जो क्वालिफाइंग मानदंड व अन्य पात्रताओं को पूरा करते हैं। AIQ के अलावा, राज्यों के 50% कोटा की काउंसलिंग अलग-अलग स्टेट पोर्टल्स पर होती है। इसका मतलब है कि उम्मीदवारों को दो ट्रैक्स—AIQ और राज्य—दोनों पर नज़र रखनी चाहिए।

काउंसलिंग कब शुरू होगी?

काउंसलिंग आमतौर पर रिजल्ट के कुछ दिनों बाद शुरू होती है और इसे ऑनलाइन आयोजित किया जाता है। प्रोसेस broadly इस प्रकार होता है:

  • रजिस्ट्रेशन और फीस पेमेंट

  • चॉइस फिलिंग और लॉकिंग

  • सीट एलॉटमेंट रिज़ल्ट

  • रिपोर्टिंग/डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन

  • अपग्रेड/फ्रीज़/फ्लोट विकल्प

कुल मिलाकर AIQ, Deemed/Central Universities, ESIC, और AFMS के तहत 3–4 राउंड तक प्रक्रिया चल सकती है। आधिकारिक शेड्यूल नोटिस आते ही रिमाइंडर सेट कर लेना बेहतर है।

जरूरी दस्तावेज़ चेकलिस्ट

काउंसलिंग के दौरान ये डॉक्यूमेंट अक्सर मांगे जाते हैं:

  • NEET PG 2025 स्कोरकार्ड और रिजल्ट प्रिंटआउट

  • MBBS डिग्री/प्रोविजनल सर्टिफिकेट और NMC/MCI रजिस्ट्रेशन

  • इंटर्नशिप कम्प्लीशन सर्टिफिकेट (कट-ऑफ डेट अनुसार)

  • कैटेगरी सर्टिफिकेट (OBC-NCL/EWS/SC/ST, prescribed format)

  • फोटो ID, पासपोर्ट-साइज़ फोटो, डिजिटल सिग्नेचर

  • जन्मतिथि/डोमिसाइल/बॉन्ड से संबंधित दस्तावेज़, जहाँ लागू

टिप: डॉक्यूमेंट्स के नाम/स्पेलिंग में माइनर मिसमैच भी रिपोर्टिंग पर देरी करा सकता है—अभी से क्रॉस-चेक कर लें।

चॉइस फिलिंग की समझदार रणनीति

  • पहले प्रायोरिटी तय करें: स्पेशियलिटी बनाम कॉलेज। अगर ड्रीम स्पेशियलिटी है, तो उसकी लिस्ट ऊपर रखें, भले कॉलेज थोड़ा नीचे हो।

  • फीस और बॉन्ड: Deemed/प्राइवेट में फीस, बॉन्ड और पेनल्टी क्लॉज़ ध्यान से पढ़ें; सरकारी कॉलेजों में बॉन्ड टर्म्स अलग-अलग हो सकते हैं।

  • पिछले साल के ट्रेंड्स: पिछले वर्ष के क्लोज़िंग रैंक/कटऑफ और इस बार की सीट-मैट्रिक्स देखकर यथार्थवादी क्रम बनाएं।

  • मल्टी-राउंड प्लान: Round 1 में फ्रीज़ करने से पहले अपग्रेड के फायदे-नुकसान समझ लें; कई बार Round 2/मॉप-अप में बेहतर विकल्प मिल जाते हैं।

स्कोर-रेंज के अनुसार प्लेबुक

  • कटऑफ से काफी ऊपर: टॉप प्रेफरेंसेज़ आक्रामक रखें; पहले राउंड में ही टार्गेट स्पेशियलिटी/कॉलेज पा सकते हैं।

  • कटऑफ के आसपास: प्रेफरेंस लिस्ट लंबी रखें; विभिन्न राज्यों की काउंसलिंग में भी रजिस्टर करें; स्ट्रे वैकेंसी पर नज़र रखें।

  • अनिश्चित स्थिति: क्लीनिकल बनाम नॉन-क्लीनिकल में खुले दिमाग से सोचें; एकेडमिक इंटरेस्ट और करियर-ट्रैक को प्राथमिकता दें।

त्वरित स्नैपशॉट टेबल

चरण क्या करें टिप
रिजल्ट/स्कोरकार्ड डाउनलोड और वेरीफाई नाम/DoB/कैटेगरी त्रुटि तुरंत ठीक कराएँ
रजिस्ट्रेशन समय से करें पेमेंट रिसीट सेव करें
चॉइस फिलिंग लंबी और क्रमिक सूची पहले स्पेशियलिटी, फिर कॉलेज
सीट एलॉटमेंट लेटर डाउनलोड रिपोर्टिंग डेडलाइन नोट करें
रिपोर्टिंग ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स साथ फोटोकॉपी/स्कैन बैकअप तैयार

अंतिम बात

NEET PG 2025 में असली बढ़त रिजल्ट के बाद बनती है—स्मार्ट चॉइस फिलिंग, समय पर लॉकिंग, और सही डॉक्यूमेंटेशन ही सीट तक पहुँचाता है। कटऑफ पार करने वालों के लिए यह मैराथन का आख़िरी, सबसे अहम दौर है; धैर्य और योजना साथ रखेंगे, तो मनचाही सीट मिलना बिल्कुल संभव है।

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