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अगस्त का अंत और मानसून अपने पूरे मूड में है—कहीं लोगों को राहत मिल रही है, तो कहीं अचानक होने वाली ज़ोरदार बारिश मुश्किलें खड़ी कर रही है। इस समय बंगाल की खाड़ी से उठ रहे लो-प्रेशर सिस्टम लगातार मध्य और पूर्वी भारत की ओर बढ़ रहे हैं। नतीजा ये कि सेंट्रल कॉरिडोर पूरी तरह भीग रहा है, जबकि कुछ उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में बारिश अब थोड़ी-थोड़ी थमने लगी है।
देश की बड़ी तस्वीर देखें:
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मध्य और पूर्वी भारत – ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, विदर्भ, झारखंड और पूर्वी यूपी में लगातार भारी बारिश की उम्मीद है।
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पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य – असम, मेघालय, अरुणाचल, उत्तर बंगाल और सिक्किम में बाढ़ और भूस्खलन का ख़तरा बरकरार रहेगा।
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पश्चिमी तट – कोंकण-गोवा और तटीय कर्नाटक में तेज़ बौछारें पड़ सकती हैं, मुंबई जैसे बड़े शहरों में लोकल ट्रेनों और ट्रैफिक पर असर पड़ सकता है।
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उत्तर-पश्चिम भारत – दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी राजस्थान में रुक-रुक कर हल्की बारिश, बीच-बीच में धूप और उमस।
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दक्षिण भारत – केरल और तटीय कर्नाटक में सक्रिय बारिश रहेगी, लेकिन तमिलनाडु और रायलसीमा में हल्की फुहारें ही।
राहत बनाम अलर्ट ज़ोन:
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पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी राजस्थान जैसे राज्यों में भारी बारिश की संभावना कम है, यहाँ आंशिक राहत दिखेगी।
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ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और विदर्भ में सतर्क रहने की ज़रूरत है—यहाँ भारी बारिश से नदी-नालों में पानी बढ़ सकता है।
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बिहार, पूर्वी यूपी और पूर्वोत्तर राज्यों में जलभराव और भूस्खलन का ख़तरा।
शहरों का हाल (3–4 दिन का रुझान):
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मुंबई – तेज़ बौछारें और ट्रैफिक पर असर।
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दिल्ली-एनसीआर – हल्की बारिश, लेकिन उमस बनी रहेगी।
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कोलकाता – मध्यम से भारी बारिश, कई जगह जलभराव।
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बेंगलुरु – हल्की बारिश, मौसम सुहावना।
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चेन्नई – हल्की बारिश और उमस।
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हैदराबाद – शाम-रात में गरज के साथ बारिश।
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पटना/वाराणसी – नदी किनारों पर सतर्क रहें, मध्यम से भारी बारिश की संभावना।
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रायपुर/बिलासपुर – लगातार बौछारें, निचले इलाकों में पानी भरने का डर।
किसानों के लिए सलाह (खरीफ सीज़न):
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धान की फसल वाले खेतों में पानी निकालने की व्यवस्था रखें।
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दालें और तिलहन वाली फसलों में जलभराव से बचने के लिए ड्रेनेज बनाएं।
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सब्ज़ियों की नर्सरी और पौधों को तेज़ बौछारों से बचाने के लिए अस्थायी शेड लगाएं।
यात्रियों के लिए ज़रूरी बातें:
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सफ़र पर निकलने से पहले ट्रैफिक और फ्लाइट अपडेट ज़रूर चेक करें।
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पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का अलर्ट देखकर ही यात्रा करें।
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पावर कट की स्थिति के लिए पावर बैंक और टॉर्च तैयार रखें।
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जलभराव वाले रास्तों पर गाड़ी चलाते वक्त अतिरिक्त सावधानी बरतें।
सितंबर की झलक: अगले हफ़्ते भी मध्य और पूर्वी भारत में बारिश एक्टिव रहने वाली है। उत्तर-पश्चिम में शावर ऑन-ऑफ मोड में चलेंगे। मानसून की विदाई पश्चिमी राजस्थान से आमतौर पर सितंबर के आख़िर में शुरू होती है—तो अभी छतरी साथ रखना ही बेहतर है।
अगस्त 2025 का आख़िरी पड़ाव ज़्यादातर इलाकों के लिए बरसात भरा रहेगा। मध्य और पूर्वी भारत को सतर्क रहना होगा, जबकि उत्तर-पश्चिम को कुछ राहत। रोज़मर्रा की यात्रा हो या खेती-किसानी, थोड़ी स्मार्ट प्लानिंग से आप बारिश की दिक़्क़तों से बच सकते हैं।
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