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कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) अब देश के लाखों स्टूडेंट्स के लिए सबसे अहम एंट्रेंस एग्ज़ाम बन चुका है। 2025 सेशन के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने एग्ज़ाम पैटर्न में बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है। इस अपडेट ने स्टूडेंट्स में उत्सुकता के साथ-साथ थोड़ी चिंता भी बढ़ा दी है, क्योंकि यह बदलाव सीधे उनके प्रिपरेशन और परफॉर्मेंस को प्रभावित करेगा।
आइए विस्तार से समझते हैं कि नया पैटर्न क्या है, यह क्यों बदला गया, और स्टूडेंट्स को अब किस तरह से तैयारी करनी चाहिए।
क्या है CUET 2025 में बड़ा बदलाव?
अब तक CUET में स्टूडेंट्स को कई सेक्शनों में प्रश्न दिए जाते थे, जिसमें लैंग्वेज पेपर, डोमेन-स्पेसिफिक सब्जेक्ट्स और जनरल टेस्ट शामिल होते थे। लेकिन 2025 के लिए NTA ने इसमें कुछ अहम बदलाव किए हैं:
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वैकल्पिक विषयों की संख्या घटाई गई है – पहले स्टूडेंट्स को ज्यादा विषय चुनने की छूट थी, अब लिमिटेड विकल्प होंगे।
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जनरल टेस्ट को ज्यादा वज़न दिया गया है – लॉजिकल रीजनिंग, करेंट अफेयर्स और क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड अब पहले से ज्यादा महत्वपूर्ण होंगे।
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MCQ पैटर्न में बदलाव – नेगेटिव मार्किंग में संशोधन किया गया है। पहले −1 मार्क्स कटते थे, अब −0.5 कटेंगे, जिससे गलत उत्तर देने का दबाव थोड़ा कम होगा।
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ऑनलाइन मोड में सुधार – सॉफ्टवेयर को ज्यादा user-friendly बनाया गया है और आंसरिंग प्रक्रिया तेज होगी।
बदलाव क्यों किए गए?
UGC और NTA का कहना है कि पिछले दो सालों में CUET में स्टूडेंट्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। इतने बड़े लेवल पर परीक्षा को सुचारू रूप से कराने और इसे ज्यादा merit-based बनाने के लिए पैटर्न में बदलाव जरूरी था।
साथ ही कई यूनिवर्सिटी ये चाहती थीं कि सिर्फ डोमेन-नॉलेज ही नहीं, बल्कि स्टूडेंट्स की क्रिटिकल थिंकिंग और एप्टीट्यूड भी टेस्ट हो। यही कारण है कि जनरल टेस्ट को अब ज्यादा अहमियत दी गई है।
स्टूडेंट्स पर इसका असर
बदलाव का असर अलग-अलग स्टूडेंट्स पर अलग होगा।
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ह्यूमैनिटीज़ और आर्ट्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए – जनरल टेस्ट में बढ़ा वज़न उनके लिए थोड़ा चैलेंजिंग हो सकता है।
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साइंस बैकग्राउंड वाले स्टूडेंट्स के लिए – मैथ्स और लॉजिकल रीजनिंग उनके लिए प्लस प्वाइंट साबित हो सकता है।
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रूरल एरिया के स्टूडेंट्स – कम विषय विकल्प होने से उन्हें सही चुनाव करने में सावधानी रखनी होगी।
तैयारी की नई रणनीति
अगर आप CUET 2025 की तैयारी कर रहे हैं, तो सिर्फ डोमेन सब्जेक्ट्स पर निर्भर न रहें। अब आपको बैलेंस्ड प्रिपरेशन स्ट्रैटेजी अपनानी होगी।
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रोज़ाना कम से कम 1 घंटे लॉजिकल रीजनिंग और डाटा इंटरप्रिटेशन के लिए दीजिए।
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करेंट अफेयर्स और जनरल नॉलेज पर पकड़ बनाइए, खासतौर से इंडियन पॉलिटिक्स, इकोनॉमी और इंटरनेशनल रिलेशन्स।
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नेगेटिव मार्किंग अब हल्की हुई है, लेकिन फिर भी "guess work" से बचकर जवाब दें।
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पिछले सालों के पेपर और mock tests ज़रूर दीजिए।
स्टूडेंट्स क्या कह रहे हैं?
बिलासपुर से एक छात्रा पूजा गुप्ता कहती हैं, “पहले हमें लगता था कि सिर्फ डोमेन सब्जेक्ट्स अच्छे से कर लेने पर एडमिशन हो जाएगा। लेकिन अब जनरल टेस्ट पर ज्यादा ध्यान देना होगा। यह मुश्किल है लेकिन अच्छा भी है क्योंकि इससे कॉम्पिटिशन और ईमानदार होगा।”
वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक प्रोफ़ेसर का मानना है कि यह बदलाव लंबे समय में स्टूडेंट्स को multiple skills से लैस करेगा।
निचोर
CUET 2025 पैटर्न में बदलाव निश्चित तौर पर बड़ा और असरदार है। यह बदलाव स्टूडेंट्स को थोड़ी टेंसन देगा लेकिन साथ ही उन्हें अपनी तैयारी को ज्यादा स्मार्ट और बैलेंस्ड बनाने का मौका भी देगा। आने वाले महीनों में लाखों स्टूडेंट्स की नज़र सिर्फ इस परीक्षा पर होगी, और जो इस बदलाव को समझकर रणनीति बनाएंगे, वही आगे बढ़ पाएंगे।
👉 तो दोस्तों, घबराने की ज़रूरत नहीं है। बदलाव सिर्फ चुनौती नहीं है, बल्कि अवसर भी है। सही प्लानिंग और नियमित मेहनत से आप CUET 2025 को जीत सकते हैं।
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